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Saturday, July 25, 2020

WORLD HEALTH ORGANIZATION (WHO)

WORLD HEALTH ORGANIZATION (विश्व स्वास्थ्य संगठन  



 
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO)अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक  विशेष एजेंसी है जिसकी स्थापना 1948 में हुई थी।

विश्व स्वास्थ संगठन का मुख्यालय(headquarter )जिस्विट्जरलैंड  के जिनेवा में है।
✓   वर्तमान  समय में  194 देश विश्व स्वास्थ्य संगठन
(WHO)  के मेंबर बने हुए हैं।
✓150 देशों में इसका कार्यालय होने के साथ-साथ इसके 6 क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।
✓    विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO)  ने 7 अप्रैल 1948 में अपना कार्य आरंभ किया , और
 इसीलिए प्रतिवर्ष  7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ संगठन दिवस (WHO Day)के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ऐतिहासिक यात्रा:-

  1. विश्व स्वास्थ संगठन ने अपनी स्थापना के पहले दशक वर्ष 1948 से 1958 के समय विकासशील देशों में लाखों लोगों को संक्रमित करने वाले संक्रामक रोग पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
  2. वर्ष 1958 से 1968 की अवधि में अफ्रीका ने कई उपनिवेश से स्वतंत्र हुए जो बाद में WHO के मेंबर बने।
  3. वर्ष 1960 में विश्व स्वास्थ संगठन ने world chemical industry के साथ कार्य किया रिवर ब्लाइंडनेस और सि्टोसोमियासिस के रोगवाहक से लड़ने के लिए एक नई कीटनाशक  को विकसित किया गया।
  4. बीमारियों और मृत्यु के कारणों के नाम पद्धति वैश्विक मानकीकरण करना अंतरराष्ट्रीय,स्वास्थ्य संचार( International Health communication)में विश्व स्वास्थ संगठन का महत्वपूर्ण योगदान था।
  5. वर्ष 1968 से 1978 तीसरे दशक में विश्व में चेचक उन्मूलन के क्षेत्रों में बड़ी सफलता प्राप्त हुई  ।
  6. 1967 तक के 31 देशों में चेचक अस्थानी हो गया  था इस तरह लगभग 10 से 15 मिलियन लोग प्रभावित हुए सभी प्रभावित देशों में Public health workersकी teams द्वारा इस विषय पर काम किया गया जिसका नेतृत्व एवं दिशा निर्देश विश्व स्वास्थ संगठन ने किया।
  7. वैश्विक स्तर पर बच्चों को प्रभावित करने वाले छह  रोगों (डिप्थीरिया , काली-खांसी टिटनेस, खसरा , पोलियो एवं क्षयरोग  के प्रति टीकाकरण(BCG vaccine)  के साथ विस्तार किया।
  8. राजनैतिक कारणों से लंबे असमंजस के बाद WHO ने संपूर्ण विश्व में मानव प्रजनन पर अनुसंधान एवं विकास पर बढ़ावा देकर परिवार नियोजन के क्षेत्र में प्रवेश किया
  9. मलेरिया एवं कुष्ठ रोग के निवारण के लिए भी नए प्रयास किए।
  10. विश्व स्वास्थ संगठन की स्थापना के चौथे दशक वर्ष (1978 से 1988) की शुरुआत WHO और यूनिसेफ एक बेहद वैश्विक सम्मेलन द्वारा हुआ यह सम्मेलन सोवियत संघ के एशियाई हिस्से में स्थित एक शहर alma-ata में आयोजित किया गया।
  11. अल्मा अता सम्मेलन में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल , निवारणएवं उपचारात्मक उपायों के महत्व पर बल दिया गया।

   स्वास्थ्य संगठन और भारत(WHO and INDIA)

 ✓   भारत 12 जनवरी 1948 में विश्व स्वास्थ संगठन का सदस्य बना
✓विश्व स्वास्थ्य संगठन के  दक्षिणी-पूर्वी  एशिया का क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है।







Tuesday, July 21, 2020

Health

What is the Health

   health is a" status of complete physical mental and social well- being and not merely the absence of disease or infirmity" according to world health organisation(WHO). 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य सिर्फ रोग व दुर्बलता की अनुपस्थिति ही नहीं बल्कि एक पूर्ण शारीरिक सामाजिक और मानसिक खुशहाली की स्थिति है।
स्वस्थ रहना जीवन का सबसे बड़ा सुख है अन्यथा जीवन भर स्वरूप लगने लगती है यदि हम स्वास्थ्य निरोगी है तभी जीवन का उत्तम सुख प्राप्त कर सकते हैं।
 पुरानी कहावत है -"पहला सुख निरोगी काया"

स्वास्थ्य शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। और स्वस्थ मस्तिष्क स्वस्थ समाज से बनता है।

वेदों में ऋषियों ने कहा है "शरीरमाध्ं खलु धर्मसाधनम्"
अर्थात या शरीर ही धर्म का साधन है यदि हम धर्म में विश्वास रखते हैं और स्वयं को धार्मिक कहते हैं ।तो अपने शरीर को निरोगी व स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य बनता है।

विदेशी विद्वान डॉक्टर बेनेडिक्ट जस्ट ने कहा है:-" उत्तम स्वास्थ्य अनमोल रतन है जिसका मूल्य तब ज्ञात होता है जब वह खो जाता है"

 और शायराना शब्दों में -  "कद्रेसेहत मरीज से पूछो तंदुरुस्ती हजार नियामत है"


शारीरिक स्वास्थ्य ::-

  शारीरिक स्वास्थ्य शरीर की स्थिति को दर्शाता है जिसमें सी संरचना विकास कार्य प्रणाली और रखरखाव शामिल होता है 
अच्छी शारीरिक स्वास्थ्य  को सुनिश्चित करने के कुछ निम्नलिखित तरीके हैं
  • शरीर के सभी अंग सामान्य आकार के हो तथा उचित रूप में कार्य कर रहे हो।
  • नाड़ी ,रक्तदाब, शरीर का भार ,व्यायाम व सहनशीलता आदि सब कुछ  व्यक्ति के आकार आयु व लिंग के लिए सामान्य मानकों के अनुसार होना चाहिए।
  • शरीर की ऊंचाई के हिसाब से वजन  का होना।
  •  शारीरिक संगठन सुदृढ़  व लचीला होना।
  • पाचन शक्ति सामान्य व सक्षम होना।
  • संतुलित आहार की आदतें एवं मीठी स्वास गहरी नींद 
  • स्वस्थ व सामान्य ज्ञान इंद्रियां होना

मानसिक स्वास्थ्य::-

 मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ हमारी भावनात्मक और आध्यात्मिकता से है मानसिक स्वास्थ हमारी भावनाओं को व्यक्त करती है और जीवन में दर्द निराशा और उदासी की स्थितियों में खुद को परिस्थिति के अनुकूल रहने में सक्षम बनाती है
अच्छे  मानसिक स्वास्थ्य की सुनिश्चित करने के निम्नलिखित  कुछ  तरीके :-

  • मन की संतुलित अवस्था।
  • डर, क्रोध, इर्ष्या, का अभाव होना।
  • मानसिक तनाव एवं अवसाद ना होना।
  • वाणी में संयम और मधुरता होना।
  • परोपकार एवं समाज सेवी की भावना वाला होना।
  • परिस्थितियों के साथ संघर्ष करने की सहनशक्ति होना
  • विकट परिस्थितियों में संमाजस्य बढाने वाला हो।

 सामाजिक स्वास्थ्य्::-

           हम सामाजिक जीव हैं अतः संतोषजनक रिश्तो का निर्माण करना और उसे बनाए रखना हमें स्वाभाविक रूप से आता है। सामाजिक रूप से सबके द्वारा स्वीकार किया जाना हमारे भावनात्मक खुशहाली के लिए आवश्यक होता है।
सामाजिक स्वास्थ्य के कुछ उदाहरण जैसे:-

  •  प्रदूषणमुक्त वातावरण होना।
  • शुद्व पेयजल एवं पानी की टंकियों का प्रबंध होना।
  • समाज अहिंसा, सत्य, अस्तेय,  एवं अपरिग्रही स्वभाव का होना।
  • वृक्षारोपण का अधिकाधिक कार्य हो।
  • सार्वजनिक स्थलों पर पूर्ण स्वच्छता हो।
  • भय एवं भ्रममुक्त समाज होना।
  • मानव कल्याण के हितों का समाज  होना

  • मौसमी फल एवं सब्जियों की उपलब्धता
  • समाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन में स्वास्थ्य सम्बन्धी जागरुकता की स्थिति
  • पेषण संबधी स्वास्थ्य-शिक्षा का प्रचार- प्रसार
  • उत्तम आर्थिक व्यवस्था, शैक्षणिक व्यवस्था,चिकित्सीय  व्यवस्था,परिवहन व्यवस्थाएं होना
  • पोषण व्यवस्था एवं आहार के समुचित भंडारण की व्यवस्था
  • अंधविश्वास एवं गलत धारणाओं से मुक्त समाज
  • सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं मनौवैज्ञानिक स्तर
  • जनंसख्या वृद्वि में समुचित नियंत्रण 

अधिकांश लोग अच्छे स्वास्थ्य के महत्त्व को नहीं समझते हैं ।और तो वे अभी तक इसकी उपेक्षा कर रहे हैं कि हम जब भी स्वास्थ्य की बात करते हैं तो हमारा ध्यान शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सीमित रहता है। हम बाकी आयामों के बारे में नहीं सोचते हैं। अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता हम सबको है।   अधिकांश रोगों का मूल हमारे मन में होता है। एक व्यक्ति को स्वस्थ तब कहा जाता है जब उसका शरीर स्वस्थ और मन साफ और शांत हो। कुछ लोगों के पास भौतिक साधनों की कमी नहीं होती है फिर भी वे दुःखी या मनोवैज्ञानिक स्तर पर उत्तेजित हो सकते।